40 साल से चाय बेचकर दुनिया घूमने का सपना पूरा कर रहा ये कपल, अब तक घूम चुके हैं 23 देश

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चाय बेचकर दुनिया घूमने वाले वाला ये कपल बन चुके हैं प्रेरणास्रोत

नई दिल्ली : कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों… कहते हैं दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। केरल के एक बुजुर्ग दंपत्ति की कहानी इस बात को शत-प्रतिशत सच साबित करती है। जहां लगभग 70 साल के विजयन और उनकी पत्नी मोहना सिर्फ चाय बेचकर अपने दुनिया घूमने का सपना पूरा कर रहे हैं। कोच्चि के रहने वाले इस दंपति की शादी हुए 45 साल हो गए। दोनों सिर्फ चाय बेचकर अपने दुनिया घूमने का सपना पूरा कर रहे हैं। अब तक 23 देशों की यात्रा कर चुके हैं। विजयन ने 1963 में चाय बेचना शुरू किया, क्योंकि वह दुनिया की यात्रा करने के लिए पर्याप्त कमाई करना चाहते थे। इनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

1963  में शुरू की श्री बालाजी कॉफी हाउस

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श्री बालाजी चाय की दुकान के सामने पति-पत्नी

दंपति कोच्चि में श्री बालाजी कॉफी हाउस नाम से एक चाय की दुकान चलाता है। विजयन ने 1963 में इस दुकान की शुरुआत की थी। विजयन के अनुसार दोनों का दुनिया की यात्रा करने का सपना था। इसीलिए उन्होंने पैसे कमाने के लिए चाय बेचना शुरू किया। दुकान पर रोज लगभग 300-350 लोग आते हैं।

रोजाना 300 रुपयों की करते हैं सेविंग 

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विदेश यात्रा के दौरान दंपति

वे हर दिन 300 रुपये बचाते हैं और फिर अपनी यात्रा के दौरान बचत का एक हिस्सा खर्च करते हैं और खर्च के लिए बैंक से लोन भी लेते हैं। हर यात्रा के बाद, वे लगभग तीन साल में बैंक का लोन चुकाते हैं। इसके बाद ही अगली ट्रीप की प्लानिंग करते हैं। इन्होंने अपनी दुकान पर कोई हेल्पर नहीं रखा है, वो खुद ही चाय बनाते हैं और सर्व करते हैं, ताकि पैसों की बचत हो सके।

पसंदीदा देश और अब कहां की है तैयारी

चाय की दुकान पर दंपति

23 देशों की यात्रा करने के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि वे सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और न्यूयॉर्क से प्यार करते हैं। अब वे स्वीडन, डेनमार्क, हॉलैंड, ग्रीनलैंड और नॉर्वे की यात्रा करना चाहते हैं और वहां के वातावरण, संस्कृति और जीवन शैली के बारे में जानना चाहते हैं। खास बात ये है कि अपनी यात्रा की यादों को समेटने के लिए वे उन देशों के स्थानीय पोस्टर और होटल और रेस्टोरेंट्स के बिल इकट्ठा करते हैं ।

दुकान पर ये टंगे हुए दिख जाएंगे। विजयन और उनकी पत्नी मोहना की कहानी हमें यह बताती है कि जहां चाह है, वहां राह है! आपको बस अपने सपनों पर विश्वास करना है और अपने दिल को सुनना। दुनिया में असंभव नाम की कोई चीज नहीं होती। इसलिए हमने ठान लिया और इसे पूरा करने के लिए रोजाना मेहनत की। अगर किसी भी काम को रोजाना और लगातार किया जाए तो हम नहीं मानते कि वो अधूरा रह जाएगा। हमारा ये भी मानना है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। बल्कि उसे करने के लिए लगन, ईमानदारी, मेहनत और जूनुन चाहिए।

 

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