उत्तर प्रदेश को कुशीनगर के रूप में तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मिला, जल्द उड़ान की तैयारी, जानें- बड़ी बातें

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश को कुशीनगर के रूप में तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मिला। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे ने विमानन नियामक DGCA से आवश्यक अनुमति मिल गई है। अब यहां से वे अंतरराष्ट्रीय विमानों का संचालन हो सकेगा।

हरदीप सिह पुरी ने एक ट्वीट में कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कुशीनगर यूपी का तीसरा लाइसेंस प्राप्त अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन गया है। इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा और उस शहर में सीधे विमानन संपर्क प्रदान करके बौद्ध स्थल पर यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा, जहां भगवान बुद्ध ने महापरि निर्वाण प्राप्त किया था।

तीसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • यह हवाई अड्डा यूपी के कुशीनगर जिले में 590 एकड़ में फैला है। पिछले साल अक्टूबर में यूपी के सबसे लंबे 3200 मीटर रनवे वाले इस एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की जांच के लिए डीजीसीए की टीम आई थी। 21 बिंदुओं पर सवाल उठाए गए थे। एएआइ ने इन कमियों को दूर कर लाइसेंस के खातिर आवेदन किया।
  • लाइसेंस मिलने के बाद एएआइ ने स्पाइस जेट, गो एयर, एयर इंडिया इंडिगो, थाई एयरवेज, मिहिन लंका समेत एक दर्जन से अधिक भारतीय व विदेशी विमानन कंपनियों को उड़ान शुरू करने के लिए आमंत्रित किया है।
  • हवाई अड्डे को B737-900 प्रकार या इसके जैसे विमानों के संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त है। यह हवाई अड्डा दुनियाभर के तीर्थयात्रियों को सीधे पहुंच प्रदान करेगा।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल जून में कुशीनगर हवाई अड्डे को एक अंतरराष्ट्रीय सुविधा के रूप में मान्यता दी थी। इसमें कहा गया था कि यह महत्वपूर्ण बुद्ध तीर्थ स्थल से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
  • उत्तर प्रदेश में अभी राज्य के दो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं। लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा। वहीं तमबुद्ध नगर के जेवर में भी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बन रहा है।
  • कुशीनगर एक बहुत प्राचीन और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यहां महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। कई देशों द्वारा निर्मित बहुत बड़े और सुंदर बौद्ध मंदिर यहां स्थित हैं। यहां दुनिया भर से लाखों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं।
  • हवाई अड्डे के संचालन से पूर्वांचल में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और यह पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा।
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