नोएडा में टॉय पार्क का निर्माण, खिलौना उद्योग में चीन को मिलेगी कड़ी टक्कर, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

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नोएडा में टॉय पार्क का निर्माण, खिलौना उद्योग में चीन को मिलेगी कड़ी टक्कर, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
नोएडा में टॉय पार्क का निर्माण, खिलौना उद्योग में चीन को मिलेगी कड़ी टक्कर, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

नोएडा, भारत में खिलौनों का मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसमें चीन के फलते-फूलते खिलौना उद्योग को चुनौती देने की पर्याप्त क्षमता है। नोएडा के टॉय पार्क में कुल 134 बड़े उद्योगपतियों ने 410.13 करोड़ रुपये की लागत से अपने कारखाने लगाने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया है।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के प्रवक्ता के अनुसार, खिलौना कारखाने 6,157 लोगों को स्थायी रोजगार प्रदान करेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल वैश्विक खिलौना कारोबार में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया था। इसके बाद, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नोएडा में टॉय पार्क का निर्माण करने का निर्णय लिया और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए येडा क्षेत्र के सेक्टर 33 में 100 एकड़ भूमि निर्धारित की गई।

उद्योगपतियों को पार्क में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया और योगी सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियों के कारण, खिलौना व्यवसाय में कई बड़े नाम टॉय पार्क में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आगे आए। टॉय पार्क में जमीन का अधिग्रहण करने वाली प्रमुख राष्ट्रीय कंपनियां फन जू टॉयज इंडिया, फन राइड टॉयज एलएलपी, सुपर शूज, आयुष टॉय मार्केटिंग, सनलॉर्ड अपेरल्स, भारत प्लास्टिक्स, जय श्री कृष्णा, गणपति क्रिएशंस और आरआरएस ट्रेडर्स हैं।

खिलौना उद्योग वर्ष 2024 तक 147-221 अरब रुपये का होगा
येडा के अधिकारियों के अनुसार, खिलौना उद्योग में प्रमुख नामों द्वारा भूमि का अधिग्रहण, जैसे कि फन जू टॉयज इंडिया और फन राइड टॉयज, अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे चीनी खिलौना निर्माताओं के एकाधिकार को चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि खिलौना निर्माण व्यवसाय में 4,000 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में से 90 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र में हैं। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, भारत में खिलौनों की मांग वैश्विक दर की तुलना में तेज गति से बढ़ रही है। ऐसे में देश का खिलौना उद्योग वर्ष 2024 तक 147-221 अरब रुपये का होगा।

योगी आदित्यनाथ ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दि
खिलौनों की वैश्विक औसत मांग में सालाना पांच फीसदी की बढ़ोतरी के मुकाबले भारत की मांग 10-15 फीसदी बढ़ रही है। अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा यूनिट हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत आने वाली इन इकाइयों में से 90 फीसदी असंगठित हैं। यही इनकी और देश की सबसे बड़ी कमजोरी है। इसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया है।

चीनी खिलौनों की मांग कम होगी
भारत खिलौना व्यवसाय विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ है। ऐसे में नोएडा में टॉय पार्क इसकी गुणवत्ता की गारंटी देते हुए भारतीय खिलौनों के निर्माण की लागत को कम करना चाहता है। चीनी खिलौनों की तुलना में उच्च गुणवत्ता, अधिक टिकाऊ और सस्ता उत्पादन करने जोर दिया जाएगा। चीनी खिलौने टिकाऊ नहीं होते। इसलिए, अब यह माना जा रहा है कि चीनी खिलौनों की मांग कम हो जाएगी, क्योंकि नोएडा में टॉय पार्क के कारण भारतीय खिलौने बाजारों में छा जाएंगे।

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